संजय कुमार साहू

 जलडेगा/Simdega: केंद्र और राज्य सरकार एक तरफ हर घर में शौचालय की सुविधा देने का दावा कर रही है, लेकिन जलडेगा प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में बने सामुदायिक शौचालय में जड़ा ताला उनके दावे पर सवाल खड़ा कर रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत जलडेगा ब्लाक में 2 लाख 46 हजार 500 रुपए का सामुदायिक शौचालय और 2 लाख 49 हजार रुपए का शुद्ध पेयजल यूनिट का निर्माण किया गया है।

इसका मकसद था कि शौचालय और प्याऊ बनेंगे तो प्रतिदिन प्रखंड और अंचल कार्य के लिए आने दूर दराज के ग्रामीण इनका उपयोग कर सकेंगे। इसके लिए भारी भरकम धनराशि खर्च कर शौचालय और शुद्ध पेयजल यूनिट का निर्माण कराया गया है। शौचालय में महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई थी। लेकिन, जिम्मेदारों की उपेक्षा से शौचालय का उपयोग सार्थक नहीं हो रहा। सामुदायिक शौचालय में ताले शोभा बढ़ा रहे हैं। जब से शौचालय बना है उसमे एक दिन भी जरूरतमंद को जाने का मौका नहीं मिला।

  • शुद्ध पेयजल आपूर्ति के नाम पर लूट

ग्रामीणों को पेयजल की दिक्कत न हो इसके लिए पंचायत समिति के फंड से 15 वें वित्त आयोग की राशि खर्च कर 2 लाख 49 हजार रुपए का शुद्ध पेयजल यूनिट निर्माण कराया गया है। एक सेंटेक्स, 5 नल और एक छोटा सा शेड बनाकर छोड़ दिया गया है। पानी को शुद्ध करने के लिए एक प्योरईट भी लगाया गया है जो किसी काम का नहीं, शुद्ध पेयजल के नाम पर महीनों से सेंटेक्स के अंदर जमा हुए गंदे पानी को पीना तो दूर लोग उसमे हाथ तक नहीं धो रहे हैं।