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हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए दवाई नहीं, करें यह योगासन

हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए दवाई नहीं, करें यह योगासन



सुखासन एक बेहद आसान आसन है। इसका अभ्यास करने के लिए पहले आप जमीन पर बैठ जाएं। इस दौरान आपकी कमर सीधी होनी चाहिए। अब गहरी सांस अंदर की ओर लें और फिर धीरे धीरे सांस को छोड़ें। इस दौरान आपकी आंखें बंद होनी चाहिए और आपका ध्यान आपकी श्वसन क्रिया पर होना चाहिए।
आज के समय में लोग जिस तरह तनाव का जीवन जी रहे हैं, उसके कारण उनका शरीर बीमारियों का घर बनता जा रहा है। ऐसी ही एक बीमारी है उच्च रक्तचाप। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर अक्सर लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन योगा के जरिए भी इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं हाई ब्लड प्रेशर के लिए प्रभावी कुछ योगासनों के बारे में−
सुखासन
यह एक बेहद आसान आसन है। इसका अभ्यास करने के लिए पहले आप जमीन पर बैठ जाएं। इस दौरान आपकी कमर सीधी होनी चाहिए। अब गहरी सांस अंदर की ओर लें और फिर धीरे धीरे सांस को छोड़ें। इस दौरान आपकी आंखें बंद होनी चाहिए और आपका ध्यान आपकी श्वसन क्रिया पर होना चाहिए।
बद्धकोणासन
बद्धकोणासन को बटरफलाई पोज भी कहा जाता है। इस आसन का अभ्यास करने के लिए पहले आप घुटनों को मोड़कर इस तरह बैठें कि आपके दोनों पैरों के तलवे आपस में मिले हों। अब आप दोनों हाथों की उंगलियां को आपस में जोड़कर उससे पैरों की उंगलियों को पकड़ें। इस दौरान आपकी कमर एकदम सीधी होनी चाहिए। अब श्वास भरते हुए पैरों के ऊपर और श्वास छोड़ते हुए नीचे करें। इस पैरों को ऊपर नीचे करने की प्रक्रिया करते रहें।

विपरीतकर्णी आसन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप पीठ के बल आराम से लेट जाएं और पैरों को एक साथ रखें। अब आप धीरे−धीरे सांस लेते हुए पैरों को ऊपर उठाएं। हाथों को नितंब के नीचे लाकर नितंब को उठाएं। इस दौरान कोहनियों को जमीन पर रखते हुए हाथों से कमर को सहारा दें। कुछ क्षण इस अवस्था में रूकें। इस दौरान धीरे−धीरे सांस लें और छोड़ें। अब लम्बा सांस छोड़ते हुए पैरों को नीचे लेकर आएं।
नाड़ीशोधन प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले आप अपनी सुविधानुसार पद्मासन, सिद्धासन, स्वस्तिकासन अथवा सुखासन में बैठ जाएं। दाहिने हाथ के अंगूठे से नासिका के दाएं छिद्र को बंद कर लें और नासिका के बाएं छिद्र से 4 तक की गिनती में सांस को भरे और फिर बायीं नासिका को अंगूठे के बगल वाली दो अंगुलियों से बंद कर दें। तत्पश्चात दाहिनी नासिका से अंगूठे को हटा दें और दायीं नासिका से सांस को बाहर निकालें। अब दायीं नासिका से ही सांस को 4 की गिनती तक भरे और दायीं नाक को बंद करके बायीं नासिका खोलकर सांस को 8 की गिनती में बाहर निकालें। इस प्राणायाम को 5 से 15 मिनट तक कर सकते है।



By ख़बरों की तह तक

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