• मानवमात्र की सेवा के उद्देश्य को लेकर ही जिंदगी के शेष जीवन बिताने को तैयार
  • सरकारी कार्यालयों से भ्रष्टाचार खत्म कर ही विकास कार्य को मिलेगी पूरी रफ्तार

देवघर : “विकास एक सतत प्रक्रिया है लेकिन भ्रष्टाचार इस दिशा में सबसे बड़ी बाधा है। सरकारी कार्यालयों से बाबूशाही को खत्म कर ही नए भारत की अवधारणा मूर्त्त रूप ले सकती है। इस प्रक्रिया में जनता की जागरूकता जरूरी है। बावजूद इसके ये भी तथ्य है कि विचार और सोच से समृद्ध लोगों को नेतृत्व करने होगा।” यह सोच और सिद्धांत है कमलेश दुबे का। जसीडीह के कजरिया कॉलोनी में रहने वाले कमलेश समाजसेवा के लिए ही राजनीति में आने की बात तलाश रहे हैं। उनके अनुसार, भगवान का दिया इतना तो अवश्य है कि हमेशा एक आदर्श जिंदगी जी सकता हूँ लेकिन उसका मायने कुछ नहीं होगा। इस कारण ही जरूरी है कि जिंदगी को एक अर्थ दिया जाए। कमलेश दुबे ने कहा कि वे हमेशा जरूरतमंदों की सेवा करते रहे हैं। इसको लेकर कभी भी उन्होंने जाति-धर्म-सम्प्रदाय का भेद नहीं किया। जसीडीह ही नहीं देवघर नगर निगम के सभी इलाकों के लोगों की वे यथासंभव मदद करते हैं। श्री दुबे ने कहा कि समाजसेवा की इसी भावना को सकारात्मक और बड़े आयाम की दिशा में अग्रसारित करने के लिए ही वे देवघर नगर निगम चुनाव में उप-महापौर के पद पर दावा ठोकने की चाह रखते हैं। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ उनकी चाह नहीं है बल्कि बड़ी संख्या में जनता ने भी उनसे यह अनुरोध किया है। कमलेश दुबे ने कहा है कि वे जनसेवा को ही अपना धर्म मानकर चलते हैं और जरूरतमंदों की सेवा ही उनकी पूजा है। वे अपनी शेष जिंदगी मानवमात्र की सेवा में उपदानित करने की सोच रखते हैं। श्री दुबे ने कहा कि वे गरीबों तक उनका हक-अधिकार पहुंचाने के लिए बगैर पद-लोभ-इच्छा-पैसा के लिए प्रयासरत रहे हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे उप-महापौर का चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर चुके हैं लेकिन सबका आशीर्वाद पाकर ही वे इस दिशा में आगे बढ़ेंगे तथा इसके लिए वे अपने स्तर से जनसर्वे कर रहे हैं।