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श्री अवधूत मण्डल आश्रम के महामण्डलेश्वर स्वामी संतोषानन्द कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित

श्री अवधूत मण्डल आश्रम के महामण्डलेश्वर स्वामी संतोषानन्द कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित

गडहनी/अल्ताफ हुसैन: दिव्य धाम हरिद्वार जिले के स्थानीय ज्वालापुर अवस्थित श्री अवधूत मंडल हीरादास जी आश्रम के महंथ महामण्डलेश्वर स्वामी संतोषानन्द देव जी महाराज को भाजयुमो अध्यक्ष डॉ अमरेन्द्र शक्रवार ने मानवीय सेवा के लिए कोरोना योद्धा के रूप में धन्यवाद पत्र देकर सम्मानित किया। भाजयुमो अध्यक्ष ने कहा संत का सम्मान केवल मेरे लिए हीं नहीं बल्कि भोजपुर जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। वैश्विक महामारी को समाप्त करने के लिए संतों का सामान जरूूरी है ।विदित हो कि तीर्थाटन पर लॉकडाउन के कारण फंसे भाजयुमो अध्यक्ष डॉ अमरेन्द्र शक्रवार हरिद्वार जिले से लगभग पांच किलोमीटर दूर चल कर श्री अवधूत मण्डल हीरादास जी महाराज आश्रम में पहुंच स्वामी जी को धन्यवाद पत्र सौंपा।डॉ शक्रवार ने बताया कि सप्ताहिक कार्यक्रम के तहत सर्वांगीण क्षेत्रों में काम कर रहे कोरोना योद्धाओं के रूप में वैसे लोगों को सम्मान कर उनके हौसले को बुलंदी के शिखर पर ले जाना है ताकि समाज के अग्रणी लोग सेवा परमो धर्म: से जुड़े रहें।

ऐसे महामानव को कोरोना योद्धा के रूप में सम्मान कर मैं अपने आपको काफी प्रसन्नचित्त महसूस कर रहा हूं। नर सेवा ही नारायण सेवा है ऐसी सेवा जिसमें ना कोई अपेक्षा हो और ना स्वार्थ। जिसमें आत्मा को संतुष्टि मिले। समस्त देशवासियों को निर्धन, पीड़ित और दीन-हीन लोगों की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए, क्योंकि सेवा और परोपकार ही मानव का वास्तविक रूप है।वैश्विक संकट के कारण मानवता की सेवा में लगे महंथ महामण्डलेश्वर स्वामी संतोषानन्द देव जी महाराज को सम्मानित करते वक्त भाजयुमो अध्यक्ष ने पूछा कि धर्मनगरी हरिद्वार में सेवा कर रहे लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगे ?महंथ महामण्डलेश्वर स्वामी संतोषानन्द देव जी महाराज ने अपना उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि परोपकार मानव मात्र को एक सूत्र में पिरोने का काम करता है। आज पूरा विश्व संकट की घड़ी में है। भारत जैसे देश में सेवा भावना और हमारी संस्कृति ही कोरोना संक्रमण से पीड़ित लोगों को बचाने में कारगर साबित होगी। धर्मनगरी में कई जरूरतमंद तीर्थयात्री, गरीब, असहाय, बेसहारा लोग भूख के कगार पर हैं, फिर भी आश्रम के द्वारा हजारों हजार लोगों को प्रतिदिन पका-पकाया भोजन उन लोगों को प्रतिदिन सुबह शाम उपलब्ध कराया जाता है।

ताकि इस संकट की घड़ी में कोई व्यक्ति भूखा ना रहे यह हमारी संस्कृति का हिस्सा भी है। उन्होंने बताया कि माता-पिता, शिक्षक और समाज का यह कर्तव्य बनता है कि बच्चों में बाल्यकाल से ही सेवा और परोपकार की भावना जागृत करें, जिससे राष्ट्र व समाज की उन्नति हो। यही मानव जीवन का मूल उद्देश्य है। मानव मात्र की रक्षा के लिए इस महामारी से संयम, समर्पण, सेवा, शांति तथा संवेदनशीलता के गुणों के साथ मिलकर मजबूती से लड़ेंगे। हम सभी दिव्य धाम धर्म नगरी हरिद्वार के निवासी के साथ आप जैसे राष्ट्रवादी नेतृत्व करता शपथ लेते हैं कि अपने आसपास किसी भी मानव मात्र के प्राण भूख से ना जाएं। हम सभी को समर्पित भाव से इस बीमारी से निपटने में जागरूकता दिखानी होगी। देश हित में यह संकल्प हर नागरिक के लिए जरूरी है ताकि आने वाली पीढ़ियां इस सेवा भाव पर गर्व कर सके और परोपकार की पवित्र परंपरा को निर्बाध अनवरत जारी रखे।

हमारा उद्देश्य इस महामारी के दौरान हरिद्वार में कोई भूखा ना रह पाए। इस मौके पर करोना योद्धा के रूप में किशोर पंत, मनोहर नौटियाल, नरेंद्र अवस्थी, कनखल मंडल के प्रख्यात समाजसेवी मृणाल कौशिक, राहत इंदौरी, परमानंद बिष्ट, आचार्य श्री दुर्ग नारायण जोशी, शिव पुरोहित कौशिक समेत कई समाजसेवियों को जागरूकता फैलाने व और मानवीय सेवा के उल्लेखनीय योगदान हेतु उन्हें धन्यवाद पत्र देकर सम्मानित किया गया, ताकि इस संकट की घड़ी में लगातार लोगों को जागरूक करते रहें।

By ख़बरों की तह तक

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