रांची/संवाददाता। तीरंदाजी झारखंड राज्य के सबसे लोकप्रिय और पारंपरिक खेलों में एक है। इसके मद्देनजर ईएसएल का लक्ष्य अपने कार्यरत तीरंदाजी केंद्र को विकसित और अपग्रेड कर एक संपूर्ण प्रशिक्षण एकेडमी का रूप देना है जो स्थानीय युवा प्रतिभा की पहचान करेगा, उन्हें पोषण और प्रशिक्षण देगा। वेदांता ईएसएल आर्चरी एकेडमी के बारे में ईएसएल के सीईओ पंकज मल्हान ने कहा, हम राज्य और देश के लिए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की अगली पीढ़ी तैयार करने के लक्ष्य से सर्वश्रेष्ठ खेल सुविधाएं स्थापित करना चाहते थे।

इस दूरदृष्टि के साथ हम ने खेल जगत के विशेषज्ञों को हमारे प्रयास में शामिल किया है। हमारी योजना सर्व सुविधा सम्पन्न एकेडमी बनाने की है जिसमें पेशाकुशल प्रशिक्षक के साथ-साथ विद्यार्थियों के आवास और भोजन की सुविधा भी होगी। हम एकेडमी के सभी प्रशिक्षुओं को सही पोषण, चिकित्सा सहायता और तीरंदाजी का पूरा किट भी प्रदान करेंगे। इस संबंध में आशीष रंजन, प्रमुख – सामुदायिक संबंध ने कहा, ईएसएल में हमारी हमेशा कोशिश रही है कि छिपी प्रतिभाओं को ढूंढ़ निकालें और उन्हें सही प्रशिक्षण और मंच देकर झारखंड का नाम ऊंचा करें। हम अंडर 9, 14 और 17 वर्ष कैटेगरी में तीरंदाजी प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। यह अत्याधुनिक एकेडमी झारखंड के उभरते तीरंदाजों को कौशल निखारने और राष्ट्र स्तरीय प्रतिस्पर्धा में बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम बनाएगी।

चंदहा ग्राम पंचायत प्रमुख मनोज कुमार तिवारी ने कहा, मैं हमारे गांव के युवाओं को सहायता प्रदान करने और अन्य तमाम प्रयासों के लिए ईएसएल सीएसआर टीम की दिल से सराहना और सभी खिलाड़ियों और विद्यार्थियों के उज्ज्वल और सफल भविष्य की कामना करता हूं। ईएसएल पहले ही 5 साल की विलक्षण क्षमता की बच्ची यवना कुमारी की प्रतिभा निखारने में सहायक रही है। यवना ईएसएल के तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। वह झारखंड के एक सुदूर गांव मूनीडीह की निवासी है और कई राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में भागीदारी और जीत दर्ज कर चुकी है। एकेडमी ने पहले बैच में लगभग 35 विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया है और इसकी योजना ऐसी अन्य युवा प्रतिभाओं को सक्षम बनने और कौशल बढ़ाने में मदद करना है। खेल के लिए ईएसएल के सीएसआर प्रोग्राम का मकसद ग्रामीण युवाओं को बेहतर जिन्दगी और तरक्की का ज्यादा अवसर देना है। यह पारंपरिक कौशल निखारने की चुनौतियां दूर करने और खेल में बढ़ने का एक समान अवसर और सक्षमता बढ़ाने की दिशा में एक छोटा कदम है।