विश्व कला दिवस

देवघर : आज सम्पूर्ण विश्व में’ अंतर्राष्ट्रीय कला दिवस’ मनाया जाता है। यह दिवस विश्व के बहुचर्चित चित्रकार लियोनार्दो दा विंची की जयंती पर मनाया जाता है जिनका जन्म इटली के फ्लोरेंस प्रदेश के विंचि नामक ग्राम में 15 अप्रैल, 1452 को हुआ था। उनके द्वारा अंकित ‘मोनालिसा’ आज भी अद्वितीय तस्वीर मानी जाती है। वे महान चित्रकार के साथ-साथ मूर्तिकार, वास्तुशिल्पी, संगीतज्ञ, कुशल यांत्रिक, इंजीनियर तथा वैज्ञानिक भी थे। स्थानीय ओमसत्यम इंस्टीट्यूट ऑफ फिल्म, ड्रामा एंड फाइन आर्ट्स के निदेशक स्वर्ण पदक, भारतीय कला सपूत एवं चित्रकला शिरोमणि पुरस्कार विजेता सह ‘आर्टिस्टस ऑफ द नेशन पुस्तक के लेखक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव ने कहा- मोनालिसा लियोनार्दो दा विंची के द्वारा कृत एक विश्व प्रसिद्ध चित्र है। यह एक विचारमग्न स्त्री का चित्रण है जो अत्यन्त हल्की मुस्कान लिये हुए हैं।

यह संसार की सम्भवत: सबसे प्रसिद्ध पेंटिंग है जो पेंटिंग और दृष्य कला की पर्याय मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि चित्रकार लियोनार्दो दा विंची ने मोना लिसा नामक यह तस्वीर 1503 से 1506 के बीच बनाई थी। ये तस्वीर फ्लोरेंस के एक गुमनाम से व्यापारी ‘फ़्रांसेस्को देल जियोकॉन्डो’ की पत्नी ‘लीज़ा घेरार्दिनी’ को देखकर बनाई गई है। सम्प्रति यह छवि फ्रांस के लूविरे संग्रहालय में रखी हुई है। संग्रहालय के इस क्षेत्र में 16वीं शताब्दी की इतालवी चित्रकला की कृतियाँ रखी गई हैं। मोनालिसा की असल पेंटिंग केवल 21 इंच लंबी और 30 इंच चौड़ी है। तस्वीर को बचाए रखने के लिए यह एक ख़ास किस्म के शीशे के पीछे रखी गई है जो ना तो चमकता है और ना टूटता है। इस चित्र को बनाने में लेओनार्दो को चार वर्ष लगे, यद्यपि इसी दौरान उन्होंने सेंट पॉल बपतिस्त तथा वर्जिन एण्ड चाईल्ड विद सेंट आंद्रे नामक दो अन्य कलाकृतियाँ भी बनाई। लगभग 500 वर्ष पूर्व 30.5” ऊँचे 20 7/8 चौड़े, 12 मी0 मी0 मोटाई के पोपलर लकड़ी के पैनल पर तेल के रंगों से यह चित्र बनाया गया। बचपन से ही कला में लियोनार्डो की गहरी रूची देखते हुए पिता ने कला की उच्च शिक्षा के लिए उसे पैरिस भेज दिया।

जो कि उस समय कला शिक्षा का एक प्रमुख केन्द्र था, यहाँ रह कर वे एक बेराकिया के स्टूडियों में कला की शिक्षा लेने लगे। यहाँ रहकर लियनार्डो ने अपने गुरू से चित्रकला का व्यापक ज्ञान प्राप्‍त किया व इसकी बारीकियों से परिचित हुए। शीघ्र ही गुरू ने महसूस किया कि उनका शिष्य उनसे भी कहीं गुणी व प्रतिभावान है, अतः गुरू के पास जितना भी ज्ञान था, अपने शिष्य विंची को दे दिया।
डॉ. देव ने आगे कहा कि दुनिया में कितनी भी मशहूर व अच्छी पेंटिंग बनी हो, लेकिन मोना लिसा पेटिंग के आगे टिक नही पाती है। म्यूजिम में कई पेंटिंग्स क्यों होती, पर सभी की नजर इसी पर होती है। मोनालिसा न केवल एक पेंटिंग है बल्कि अपने आप में एक रहस्य है जिसका पता आज तक कोई नही लगा पाया है। इस रहस्य को जानने के लिए काफी पेंटर्स व लोगों ने इस पर काम किया है लेकिन इस सच का पता नही लगा पाए है। 500 साल पहले पेंटर ‘लिओनार्दो डा विन्ची’ ने इसे बनाया था। इस पेटिंग की मुस्कान को लेकर कई तरह के रहस्य सामने आए है। कहा जाता है कि इस चेहरे की मुस्कान हर कोने से अलग ही एंगल में दिखाई देती है। पहले यह काफी ज्यादा दिखाई देती है, धीरे धीरे यह फीके पड़ने लगती है, आखिर में तो यह पूरी तरह से खत्म हो जाती है। मोना लिसा का मतलब माई लेडी होता है। इस पेटिंग के साथ कई तरह के ओर भी रहस्य जुड़े हुए है जिन्हें हम आज आपको बताने जा रहे है।