अब्दुल्ला और आजम खान

चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार के दौरान बेतुके बयानबाजी को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को चुनाव प्रचार पर 72 घंटो के लिए रोक लगा दी. चुनाव आयोग द्वारा लगाया गया ये रोक 16 अप्रैल, सुबह 10 बजे से लागू हो गई.

इधर आजम खान बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने चुनाव आयोग पर एकतरफा कार्रवाई के आरोप लगाते हुए कहा -चुनाव आयोग ने आजम खान को चुनाव में प्रचार से इसलिए रोका क्योंकि वह मुस्लिम हैं? बैन लगाने से पहले कोई नोटिस भी नहीं दिया गया. उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.

पहले ये ट्वीट देखिए.

इस हिसाब से गणना किया जाए तो मायावती को इसलिए बैन किया गया क्योंकि वो दलित हैं, योगी आदित्यनाथ को इसलिए बैन किया गया क्योंकि वो योगी हैं और मेनका को इसलिए बैन किया क्योंकि चुनाव आयोग का मन किया.

अब ज़रा ये भी जान लेते हैं कि आजम खान पर चुनाव आयोग ने क्यों बैन लगाए हैं. दरअसल रविवार को रामपुर की एक रैली के दौरान आजम खान ने जयाप्रदा पर बेतुका कमेंट किया था.
आजम खान ने कहा था- उसकी असलियत समझने में आपको 17 साल लगी. मैं तो 17 दिन में पहचान गया था कि इनके नीचे का अंडरवेअर खाकी रंग का है.

आजम खान का एक और वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें वे कलेक्टर से जूते साफ करवाने की बातें कर रहे हैं. इस वीडियो में वे पब्लिक में बोल रहे हैं – सब डटे रहो, ये कलेक्टर-फ्लेक्टर से मत डरियो… देखे हैं कहीं मायावती जी के फोटो, कैसे बड़े-बड़े अफसर रुमाल निकालकर जूते साफ करते हैं. उन्हीं से गठबंधन है. अल्लाह ने चाहा तो उन्हीं के जूते साफ कराऊंगा इनसे.

अब जरा इस वीडियो को देखिए.

अल्लाह और जनता क्या चाहती है ये तो चुनाव के नतीजे आने तक इंतजार करना होगा, लेकिन आजम खान और उनके बेटे के ऐसे बयानबाजी पर क्या सोचते हैं कमेंट कर बताइये.