ग्रामीणों ने कहा, भूख से हुई है , रामचरण मुंडा की मौत, लातेहार उपायुक्त को दो माह पूर्व आवेदन देकर ऑफलाइन राशन वितरण का मांग की थी ग्रामीणों ने.


बद्री गुप्ता/लातेहार : झारखंड में भूख से हो रही मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.  भूख और भूख जनित रोगों से राज्य में पूर्व में भी 19 लोगों की मौत हो चुकी है.  राज्य सरकार भूख से मौत होने की बात खारिज करती रही है. महुआडांड में रामचरण मुंडा की मौत को भी राज्य सरकार के द्वारा भूख से हुई मौत नहीं माना जायेगा . लेकिन जिसके घर में अनाज का एक दाना न हो,  उसकी मौत आखिर किस कारण से होती है, राज्य सरकार के द्वारा अब तक यह नहीं बताया गया है.  रामचरण मुंडा की मौत का कारण गरीबी के साथ साथ ऑनलाइन राशन वितरण मुख्य वजह हो सकती है.

स्थानीय डीलर ने तीन माह से राशन का वितरण नहीं किया है

लातेहार जिला अंर्तगत  महुआडांड प्रखंड की दुरुप पंचायत के लुरगुमी कला में 5 जून को रात में 65 वर्षीय रामचरण मुंडा नामक व्यक्ति की मौत हो गयी.  आज दोपहर  उसका ग्रामीणों के सहयोग से अंतिम संस्कार किया गया. तीन साल पूर्व  उसके 17 वर्षीय बेटे की टीबी  का शिकार हो जाने के कारण असमय मृत्यु हो गयी थी.  आज सुबह जब रामचरण मुंडा मृत्यु की खबर ग्रामीणों ने नरेगा सहायता केंद्र महुआडांड के अफसाना को दी तो  वह  रामचरण मुंडा  के घर पहुंची और  घर एवं चूल्हे का जायजा लिया.

उन्होने पाया कि  मृतक के घर अनाज का एक भी दाना नहीं था. उनके घर में  पिछले लगभग तीन दिनों से चूल्हा भी नहीं जला था. ग्रामीणों का कहना है कि स्थानीय डीलर मीना देवी द्वारा नेटर्वक का बहाना बनाकर पिछले तीन माह से राशन का वितरण भी नहीं किया है।

मृतक की पत्नी चमरी देवी को 50  किलो अनाज दिया

नरेगा सहायता केंद्र की अफसाना ने बताया कि घटना के बाद प्रखंड मुख्यालय लौट कर घटना की जानकारी देने प्रखंड पहुंची, तो प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रखंड मुख्यालय से बाहर थीं, वहीं अंचलाधिकारी अपने कार्यालय से अनुपस्थित थे. संबंधित पंचायत के पंचायत सेवक से संपर्क करने प्रयास किया गया, तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ था।

उसके बाद अनुमंडल पदाधिकारी से संपर्क कर घटना की विस्तृत जानकारी दी गयी. उनहोने तत्काल घटना स्थल पर एओ को भेज कर पीडित परिवार को मदद करने का आदेश दिया.  एओ ने तत्काल  मृतक की पत्नी चमरी देवी को  50  किलो आनाज और दाह संस्कार के लिए 2000 रुपया दिया।

डीलर ने ऑनलाइन वितरण का बहाना बनाकर नहीं किया

पीडित परिवार के लोगों ने बताया उनका पीएच राशन कार्ड (नंबर 202004690268) है. जिसमें परिवार के तीन सदस्यों का नाम शामिल था. सरकारी आदेश के अनुसार इस डीलर के  कार्डधारियों का ऑनलाइन मशीन से राशन वितरण अनिर्वाय कर दिया गया है, लेकिन यह क्षेत्र दुर्गम पहाड़ी इलाका होने के कारण मोबाइल नेटर्वक सही तरीके से काम नहीं करता है।

जिसके कारण डीलर ने ऑनलाइन का बहाना बनाकर तीन माह के राशन का वितरण नहीं किया, जिसके कारण मृतक व उसके परिवार के लोग अनाज के अभाव से  जूझ रहे थे .वही गांव के लोगों ने बताया कि  लातेहार जिला के उपायुक्त को दो माह पूर्व आवेदन देकर ऑफलाइन या  पंजी से राशन वितरण की मांग की थी, मगर समय रहते प्रशासनिक पदाधिकारियों ने कारवाई नहीं की। वही इस संम्बन्ध मे महुआडाड बी डी ओ प्रिति किस्कू ने फोन पर बताया कि मुण्डा की मौत भूख से नही हुई है कुछ दिनो से बिमारी के हलत मे छतिसगढ व महुआडाड के होस्पीटल मे इलाज हुआ है जिसके बद उसकी मौत हुई है.