रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में तीसरी शक्ति बनकर उभरने वाली जनता कांग्रेस (छत्तीसगढ़) पार्टी का विलय कांग्रेस में हो सकता है. खबरों की मानें तो छजकां सुप्रीमो अजीत जोगी कांग्रेस में वापसी की लॉबिंग कर रहे हैं. सूबे के सियासी गलियारे में इस बात की इन दिनों जबरदस्त चर्चा है.

कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में अपेक्षित सीटें नहीं मिलने और लोकसभा चुनाव में नहीं उतरने के फैसले के बाद जोगी अब कांग्रेस में घर वापसी के लिए प्रसासरत हैं. इसी सिलसिले में पिछले कई दिनों से जोगी परिवार के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं.

छज​कां के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो अजीत जोगी इसके लिए कांग्रेस के कुछ आला-नेताओं से बात भी कर चुके हैं. बताया गया है कि अभी भी चर्चा का दौर जारी है.

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में छजकां ने बसपा के साथ गठबंधन कर 90 में से 55 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. इनमें से केवल 5 सीटों पर पार्टी ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद जोगी ने बसपा के साथ गठबंधन जारी रख लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना लिया था. जोगी ने अपने लिए सीट भी तय कर ली थी, लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती ने जकांछ के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी.

कहा जा रहा है कि छग में केवल पांच सीट पर रहकर विपक्ष की राजनीति करना पार्टी के लिए मुश्किल हो गया है. ऐसी स्थिति में जोगी की कोशिश है कि उनकी फिर से कांग्रेस में वापसी हो जाए.

पत्नी रेणु बन सकती हैं अहम कड़ी: जोगी द्वारा कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाने के बावजूद उनकी पत्नी व कोटा विधायक डॉ रेणु जोगी चुनाव से पहले तक कांग्रेस के साथ खड़ी नजर आईं थी. कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो वे जकांछ के टिकट से चुनाव लड़कर विधायक बन गईं. यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी से डॉ. रेणु जोगी का संबंध आज भी अच्छा है. ऐसे में जोगी और कांग्रेस हाईकमान के बीच चर्चा में रेणु जोगी माध्यम बनेंगी ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं.

बता दें कि जकांछ के टिकट से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 7 नेता लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. वहीं कुछ ने कांग्रेस में प्रवेश किए बिना लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए काम किया है. इतना ही नहीं, जकांछ के कई प्रवक्ताओं और दूसरे पदाधिकारियों ने भी कांग्रेस में प्रवेश कर लिया है. जोगी इस हताशा से भी उबर नहीं पा रहे.