बसंतराय/संवाददाता। पंचायती चुनाव के बाद से ही सदैव अलग-अलग तरह के विवादों के चर्चे में बने रहने वाले डेरमा पंचायत इन दिनों फिर सुर्खियों में है। गोड्डा जिला के बसंतराय प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत डेरमा पंचायत की मुखिया नीलम देवी के द्वारा इस कोरोना जैसी भयानक आपदा के स्थिति में गरीबों के हक को गटक जाने का मामला सामने आया है। एक तरफ जहां इस कोरोना आपदा में देश के कोने-कोने से सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक पार्टियां सहित कई शुभचिंतकों ने देश के सामने आकर सड़क पर निकलकर अपनी-अपनी सेवाएं दी, ऐसे में डेरमा पंचायत की मुखिया नीलम देवी के द्वारा गरीबों को मिलने वाली हक को खुद ही गटक जाने का मामला प्रकाश में आया है। मालूम हो कि राज्य के सभी मुखिया को इस आपदाकाल में दस हजार रुपया देकर पंचायत क्षेत्र के गरीब असहाय लोगों के बीच दस-दस किलो चावल वितरण करने का आदेश दिया गया था।

लेकिन डेरमा पंचायत की मुखिया नीलम देवी के द्वारा किसी को भी दस किलो चावल नहीं दिया गया। यहां तक कि किसी को चावल दिया ही नहीं गया। जबकि प्रखंड मुख्यालय को मुखिया द्वारा भेजे गए सूची में सभी को दस-दस किलो चावल देने का आवंटन दिखाया गया है। वहीं सूची में दर्ज नाम के आधार पर जब इसकी पड़ताल की गई तो कई ऐसे नाम सामने आया जिनका की मुखिया ने आधार नम्बर लेकर खुद ही टिप मोहर मारकर उनके नाम के आगे आवंटन दर्शा दिया गया है। ऐसे नाम में पाली साह, मंटू साह, महेश साह, शिव ततवा, सिकन्दर साह, सविता देवी, रितेश कुमार, बौधि ततवा, शहीद नदाफ जैसे कई नाम सामने आए जिन्हें या तो चावल दिया नहीं गया है। अगर किन्हीं को दिया भी गया है तो मानक से आधा यानी दस किलो के जगह मात्र पांच किलो चावल दिया गया है। मुखिया द्वारा प्रखंड मुख्यालय को भेजे गए सूची में कुल तीन क्विंटल सत्तर किलो चावल का आवंटन दशार्या गया है। जिसमें पंचायत क्षेत्र के रेशम्बा और कपेटा गांव में एक भी लोगों को चावल नहीं दिया गया है।

ऐसे में साफ तौर पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुखिया नीलम देवी किस तरह गरीबों के मुंह के निवाले से अपना चोला भरने का काम की है। एक तरफ जहां पूरा देश के अचानक लॉक हो जाने से गरीब असहाय व्यक्तियों को दो वक्त की रोटी पर आफत आन पड़ी थी। ऐसे एक जनप्रतिनिधि के द्वारा सरकार द्वारा गरीबों को मिलने वाली हक को धोखे से हड़पना साफ-तौर पर विभाग को चुनौती दे डाली है। ऐसे में अब पंचायतीराज पदाधिकारी और जिला उपायुक्त ऐसे संगीन मामलों पर कितना कटिबद्ध होती है ये देखने योग्य बातें होंगी।