यह जानकर कुछ लोगों को हैरानी हो सकती है कि देश के शहरी युवा अपनी शादी के लिए सबसे ज्यादा लोन लेते हैं। डिजिटल लेंडिंग प्लैटफॉर्म ‘इंडियालेंड्स’ के एक सर्वेक्षण में इसका खुलासा हुआ है। यह सर्वेक्षण उसने आज मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में किया है। इसके लिए उसने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई के 20 से 30 की उम्र के 5200 नौजवानों के ऋण-आवेदनों का अध्ययन किया। इन युवाओं में नौकरीपेशा और अपना कारोबार करने वाले, दोनों शामिल हैं।
आवेदनों से पता चला कि 2018-19 में इस आयु वर्ग के 20 प्रतिशत नौजवानों ने शादी के लिए ऋण लिया। शादी के बाद पर्यटन यानी घूमने-फिरने का नंबर है। 19 फीसदी नौजवानों ने इसके लिए लोन लिया, जबकि 11 फीसदी ने अपना स्टार्ट-अप शुरू करने के लिए लोन लिया और 7 प्रतिशत ने लाइफस्टाइल से जुड़ी चीजें जुटाने के लिए ऋण मांगा। अलग-अलग शहरों के नौजवानों की प्राथमिकताएं भी अलग-अलग हैं।
जैसे शादी के लिए मुंबई के युवाओं ने सबसे ज्यादा ऋण लिए। उनकी संख्या 22 फीसदी है। घूमने-फिरने के मामले में हैदराबाद के युवा सबसे आगे हैं। वहां 20 फीसदी युवाओं ने इसके लिए लोन लिया। अपना स्टार्ट-अप शुरू करने में सबसे ज्यादा रुचि बंगलुरु के युवाओं ने दिखाई। वहां इसके लिए 27 पर्सेंट आवेदन आए। लाइफस्टाइल के मामले में दिल्ली के यूथ आगे हैं। यहां के 27 फीसदी युवाओं ने अपनी लाइफस्टाइल पर खर्च के लिए लोन लिया।

इंडियालेंड्स के सीईओ गौरव चोपड़ा का कहना है कि आज के युवा पुरानी पीढ़ी की तरह हाथ बांधकर खर्च नहीं करते। वे खुलकर खर्च करने में यकीन करते हैं और इसके लिए ऋण लेने में संकोच नहीं करते। साल दर साल युवाओं द्वारा लोन लेने की मात्रा बढ़ती ही जा रही है। दरअसल आज की यंग जेनरेशन पर पिछली पीढ़ी का दबाव कम है। वह अपने बारे में फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है, इसलिए हर छोटे से छोटा निर्णय खुद कर रही है। अपनी शादी के लिए पैरंट्स पर निर्भर रहना उसे अच्छा नहीं लगता।
इसलिए आज के युवा अपनी मनमुताबिक शादी के लिए खुद ही पैसे जुटाते हैं। नौजवानों के लिए घूमना-फिरना काफी मायने रखता है। आज वे खूब काम भी करते हैं लेकिन उसी के बीच यात्राओं के लिए भी समय निकाल लेते है। इस पर वे खुलकर खर्च भी करते हैं। वे नई-नई जगहों पर घूमना पसंद करते हैं, जबकि पुरानी पीढ़ी घूमने-फिरने के नाम पर पैतृक गांव या तीर्थस्थलों तक सीमित थी।
इसी तरह कपड़े-जूते और गैजट्स पर भी युवा खूब खर्च करते हैं। कुछ लोगों को यह सब फिजूलखर्ची लग सकती है। वे इस बात से परेशान हो सकते हैं कि युवा बचत क्यों नहीं करते? असल में यह नजरिए का फर्क है। आज के युवा वर्तमान में ज्यादा जीते हैं और उसे ज्यादा से ज्यादा सुखद बनाना चाहते हैं। वे भविष्य की परवाह नहीं करते।