नई दिल्ली : दूससंचार विभाग एमटीएनएल को बीएसएनएल में मर्ज करने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से मंगलवार को यह जानकारी दी। दोनों कंपनियों के रिवाइवल प्लान के तहत मर्जर भी एक विकल्प हो सकता है। आखिरी फैसला कैबिनेट लेगी।
बीएसएनएल को 2018-19 में 14202 करोड़ रु के घाटे का अनुमान
दोनों सरकारी कंपनियां आर्थिक संकट से जूझ रही हैं। पिछले कुछ महीनों में स्टाफ का वेतन देने में भी दिक्कतें हुई थीं। एमटीएनएल दिल्ली और मुंबई में टेलीफोन सेवाएं देती है। बाकी सर्कल में बीएसएनएल की सर्विस है।
बीएसएनएल पिछले कई सालों से घाटे में है। 2018-19 में करीब 14,202 करोड़ रुपए का घाटे होने का अनुमान है। 2017-18 में 7,993 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। 2016-17 में 4,793 करोड़ और 2015-16 में 4,859 रुपए का घाटा हुआ था।
बीएसएनएल के कर्मचारियों की संख्या 1 लाख 65 हजार 179 है। कंपनी की कुल आय का 75% कर्मचारियों के खर्च में चला जाता है। 31 मार्च तक एमटीएनएल के कर्मचारियों की संख्या 21,679 थी। पिछले महीने दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में कहा था कि बीएसएनएल और एमटीएनएल को बंद करने की योजना नहीं है बल्कि उन्हें उबारने की तैयारी की जा रही है।